Tu Chal - Amitabh Bachchan motivational poem



तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश हैतू चल, तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है समय को भी तलाश है
समझ ना इन को वस्त्रा तू 2
जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ ये बेड़ियाँ पिघाल के
तू खुद की खोज में निकल
बना ले इनको शस्त्रा तू बना ले इनको शस्त्रा तू
समय को भी तलाश है
तू किस लिए हताश हैतू चल, तेरे वजूद की समय को भी तलाश है चरित्रा जब पवितरा है

तो क्यूँ है ये दशा तेरी ये पापियों को हक़ नही की लें परीक्षा तेरी की लें परीक्षा तेरी
जो क्रूरता का जाल है
तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है तू चल, तेरे वजूद की समय को भी तलाश है जला के भस्म कर उसे
चुनर उड़ा के ध्वज बना
तू आरती की लाउ नही तू क्रोध की मशाल है तू क्रोध की मशाल है चुनर उड़ा के ध्वज बना गगन भी कपकाएगा गगन भी कपकाएगा
समय को भी तलाश है
अगर तेरी चुनर गिरी तो एक भूकंप आएगा तो एक भूकंप आएगा तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश हैतू चल, तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है

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